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लेखनी प्रतियोगिता -06-Jan-2023



ज्यादा कोशिश न कर तू मुझको भुलाने के लिये
मैं तो आया हूँ वापस चले जाने के लिए।

दो घड़ी की है जिंदगी तो इसे हंस के बिता
न परेशान हो दुनिया को मनाने के लिए।

यूं तो काफी दूर तुमसे जा चुका था मैं
तुमने पुकारा तो काफी है लौट आने के लिए।

मुश्किलें हैं बहुत दुनिया में मैं भी जानता हूँ
हम साथ हैं ये काफी है मुस्कुराने के लिए।

तुम जो भी कहो चुपचाप मान लेता हूँ
वक्त किसको है यहां पर आजमाने के लिए।


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7 Comments

बहुत ही सुंदर और बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Gunjan Kamal

07-Jan-2023 10:38 PM

बहुत खूब

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Sachin dev

07-Jan-2023 02:19 PM

Amazing

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